इस पोस्ट में हम एक इनवर्टर के साथ एक बैटरी का कनेक्शन Battery Series Parallel Connection करना और एक इनवर्टर के साथ कई सारा बैटरी का कनेक्शन करना सीखेंगे चाहे वो इनवर्टर सोलर इनवर्टर हो या साधारण बिजली से चलने वाला इनवर्टर हो क्योंकि एक इनवर्टर के साथ में एक बैटरी का कनेक्शन तो कोई भी कर लेता है बिल्कुल सिंपल होता है लेकिन अगर आपके पास एक से ज्यादा बैटरी है और उसे एक ही इनवर्टर में जोड़ना है तो फिर इसके लिए बैटरी को कतार में जोड़कर इनवर्टर में कनेक्शन करने का प्रक्रिया आपको पता होना चाहिए और यही हम इस पोस्ट में सीखेंगे।
एक इनवर्टर में एक बैटरी का कनेक्शन करना
एक सोलर इन्वर्टर या साधारण इनवर्टर में एक बैटरी का कनेक्शन करना बिल्कुल आसान काम होता है हमारा इनवर्टर से दो तार निकले होते हैं बैटरी के लिए तो उसमें पॉजिटिव और नेगेटिव का ध्यान रखते हुए बैटरी में जोड़ देना होता है और बस हो गया कनेक्शन इसे आप नीचे दिए गए चित्र के सहायता से बड़ी ही आसानी से समझ सकते हैं।
इनवर्टर से निकला हुआ लाल तार को बैटरी में प्लस (+) वाले खूंटी में जोड़ना होता है और इनवर्टर से निकला हुआ काला तार को बैटरी में माइनस (-) वाला खूंटी में जोड़ देना होता है बस इतना सा करते ही हमारा एक इनवर्टर के साथ में एक बैटरी का कनेक्शन का काम पूर्ण हो जाता है।
एक बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी कैसे जोड़े
आप अपने एक बैटरी वाला सोलर इनवर्टर में दो बैटरी को जोड़ सकते हैं और अगर आपके पास साधारण इन्वर्टर बिजली से चलने वाला हो तो भी जोड़ सकते हैं इससे इनवर्टर का कुछ नुकसान नहीं हो सकता है लेकिन जितना देर में ये एक बैटरी को चार्ज करता था उसके डबल टाइम में अब वो दोनों बैटरी को चार्ज कर पाएगा।
एक बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी को जोड़ने के लिए आप इनवर्टर से निकले हुए बैटरी के दोनों तार को सबसे पहले एक बैटरी में प्लस और माइनस का ध्यान रखते हुए जोड़ दें यानि इनवर्टर का लाल वाला तार को बैटरी में प्लस वाला खूंटी में जोड़े और इनवर्टर के काले वाले तार को बैटरी के माइंस वाला खूंटी में।
अब जिस बैटरी में इनवर्टर के लाल और काला तार को जोड़े हैं उसी बैटरी के खूंटी से एक-एक तार और जोड़े और दूसरे वाला बैटरी में भी प्लस वाले तार को प्लस में जोड़ दें और माइनस वाले तार को माइंस में यानी पहले वाले बैटरी में प्लस से निकला हुआ तार को दूसरे वाले बैटरी में भी प्लस में ही जोड़े और पहले वाले बैटरी के माइनस वाले तार को दूसरे वाले बैटरी मे माइनस में ही जोड़ें जैसे नीचे चित्र में दिखाया गया है।
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डबल बैटरी वाले इनवर्टर को दो बैटरी के साथ कनेक्ट करना
ऊपर हमने एक बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी को जोड़ा था लेकिन अब हम डबल बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी को जोड़ेंगे सोलर इनवर्टर और साधारण इनवर्टर इन दोनों के साथ में ये काम हम कर सकते हैं और इसमें प्रक्रिया थोड़ा अलग हो जाएगा और ये इनवर्टर इन दो बैटरी को उतना ही देर में चार्ज कर देगा जितना देर में एक बैटरी वाला इनवर्टर एक बैटरी को चार्ज करता है।
इसके लिए सबसे पहले आप अपने दोनों बैटरी के एक-एक खूंटी को आपस में कनेक्ट करेंगे इसके लिए एक बैटरी के प्लस वाले खूंटी को दूसरे बैटरी के माइनस वाला खूंटी में तार से जोड़ दें और फिर अब दोनों बैटरी में एक-एक प्लस और माइनस वाला खूंटी रह जाएगा तो उसमें इनवर्टर से आया हुआ लाल तार को प्लस वाले खुटी में जोड़ें और काला तार को बैटरी के माइनस वाले खुटी में जोड़ दें इसे हम सीरीज में जोड़ना कहते हैं जैसे नीचे चित्र में दिखाया गया है।
तीन बैटरी वाला इनवर्टर में तीन बैटरी को जोड़ना
जिस तरह से हमने दो बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी को सीरीज में जोड़ा था Battery Series Parallel Connection वैसे ही हम तीन बैटरी वाला सोलर या साधारण इनवर्टर में भी तीन बैटरी को सीरीज में ही जोड़ेंगे क्योंकि इनवर्टर चाहे जितना भी बैटरी वाला हो उसमें से दो ही तार निकलते हैं इसलिए हम पहले अपने सारे बैटरी को सीरीज को जोड़ लेते हैं और फिर लास्ट में दो खूंटी एक प्लस और एक माइनस वाला बच जाता है और इस दो खूंटी में इनवर्टर के लाल एवं कला तार को जोड़ देते हैं।
सबसे पहले आप तीनों बैटरी को सीरीज में जोड़े इसके लिए पहले बैटरी के प्लस वाला खूंटी को दूसरे बैटरी के माइंस वाला खूंटी में जोड़े, अब दूसरे बैटरी के प्लस वाला खूंटी को तीसरे बैटरी के माइंस वाला खूंटी में जोड़े अब पहले एवं तीसरे बैटरी में एक माइनस एवं एक प्लस खूंटी बच गया है अब इनवर्टर के लाल तार को पहले बैटरी के माइनस वाले खुटी में जोड़ें और काला तार को तीसरे बैटरी के प्लस वाला खुटी में जोड़ दें जैसे नीचे चित्र में दिखाया गया है।
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चार बैटरी वाला इनवर्टर में चारों बैटरी को जोड़ना
अब हम चार बैटरी वाला इनवर्टर में चारों बैटरी को भी सीरीज में ही जोड़ेंगे इसके लिए पहले बैटरी के प्लस वाले खूंटी को दूसरे बैटरी के माइनस वाले खुटी में जोड़े फिर दूसरे बैटरी के प्लस वाले खुटी को तीसरी बैटरी के माइनस वाले खुटी में जोड़े, अब तीसरे वाले बैटरी के प्लस वाला खूंटी को चौथे बैटरी के माइनस वाले खूंटी में जोड़े, अब पहले बैटरी में एक प्लस का खूंटी बच गया है और चौथा बैटरी में एक माइंस का खुटी बचा है।
अब हम इनवर्टर से निकले हुए लाल तार को पहले वाले बैटरी के प्लस वाला खूंटी में जोड़ेंगे और काला तार को चौथे बैटरी के माइनस वाले खुटी में जोड़ेंगे चाहे वो इनवर्टर सोलर पैनल वाला हो या फिर साधारण बिजली वाला जैसे नीचे चित्र में दर्शाया गया है।
आठ बैटरी वाला इनवर्टर में 8 बैटरी को जोड़ना
अगर आपके पास आठ बैटरी है और आप इन आठो बैटरी को एक इनवर्टर में जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आप चार-चार बैटरी का दो ग्रुप बनाकर आपस में सीरीज में जोड़े यानी चार बैटरी को अलग सीरीज में जोड़े और फिर चार बैटरी को अलग सीरीज में जोड़े।
अब दोनों ग्रुप में पहले और चौथा बैटरी में एक-एक प्लस और माइनस खूंटी बच जाएगा इन दोनों को आपस में जोड़ दें यानि पहले ग्रुप के प्लस को दूसरा ग्रुप के प्लस में जोड़ें फिर पहले ग्रुप के माइनस को दूसरा ग्रुप के माइनस खुटी में जोड़ें और फिर इन्हीं दोनों में इनवर्टर का तार लगा दें यानी लाल वाला तार को प्लस वाला तार में लगायें और काला वाला तार को माइनस वाला तार में लगायें।
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एक बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी लगाने का नुकसान
अगर आपके पास एक बैटरी वाला इनवर्टर है और आप उसमें दो बैटरी लगाते हैं तो फिर इसका नुकसान ये होगा कि दो बैटरी को चार्ज करने में आपका इनवर्टर को डबल टाइम लगेगा।
यानी उदाहरण के लिए अगर वो एक बैटरी वाला इनवर्टर है और एक बैटरी को 4 घंटे में चार्ज करता है और आपने उस पर दो बैटरी लगा दिया तो फिर उसे 8 घंटा लगेगा दो बैटरी को चार्ज करने में।
लेकिन अगर आप दो बैटरी वाला इनवर्टर पर दो बैटरी लगाते हैं तो फिर वो इनवर्टर 4 घंटे में ही दोनों बैटरी को फुल चार्ज कर देगा तो यहां पर टाइम का नुकसान होता है इसलिए अगर आपके पास दो बैटरी है तो कोशिश यही करें कि दो बैटरी वाला इनवर्टर लेकर आए।
और अगर आपके पास चार बैटरी है तो फिर उसी हिसाब से ही इनवर्टर लें नहीं तो फिर ज्यादातर टाइम चार्जिंग में ही निकल जाएगा और समय ना बचाने पर हो सकता है की आपका बैटरी फुल चार्ज ना होए और आपको पूरा बैकअप ना मिल पाए।
एक बैटरी वाला इनवर्टर में दो बैटरी जोड़ने का सबसे बड़ा नुकसान तब होता है जब हमारा बैटरी सोलर पैनल से चार्ज होता है क्योंकि सोलर पैनल से चार्ज करने के लिए हमारे पास सिर्फ 8 घंटा होता है दिन में 8 घंटा ही धूप होता है और वो अठो घंटा का समय चार्जिंग में ही निकल जाए तो फिर घर का ज्यादा लोड नहीं चल पाएगा।
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