सोलर पैनल आज के समय में बिजली उत्पादन का एक लोकप्रिय और पर्यावरण अनुकूल माध्यम बन चुका है। लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि बारिश के मौसम में सोलर पैनल काम करता है या नहीं। इस पोस्ट में हम इसी विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि बारिश का सोलर पैनल की कार्यक्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है।
1. सोलर पैनल की कार्यप्रणाली
सोलर पैनल सूर्य की किरणों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं और उसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया फोटोन (सूर्य की रोशनी) के माध्यम से होती है। इसका अर्थ है कि सोलर पैनल को बिजली उत्पन्न करने के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है, न कि गर्मी की।
2. क्या बारिश में सोलर पैनल काम करता है?
बारिश के दौरान सूर्य की रोशनी सीधी रूप से नहीं पहुंच पाती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सोलर पैनल बिल्कुल काम नहीं करता। बारिश के मौसम में भी वातावरण में बिखरी हुई रोशनी (diffused sunlight) उपलब्ध होती है, जिसे सोलर पैनल द्वारा ग्रहण किया जा सकता है। हालांकि इस समय विद्युत उत्पादन की क्षमता सामान्य दिनों की तुलना में कम हो जाती है, फिर भी पैनल पूरी तरह से बंद नहीं होते।
बारिश में भी आपको अपने घर के उपकरण चलाने के लिए पूरा बिजली मिल सके इसके लिए दो गुना पैनल लगाना चाहिए यानी अगर आपके घर में गर्मी के मौसम में एक पैनल से काम चल जा रहा है तो बारिश के मौसम में दो पैनल लगा दें ताकि कम धूप में भी ज्यादा बिजली बन सके और आपके घर का टीवी पंखा इत्यादि सभी उपकरण 24 घंटा चलता रहे।
3. बारिश से सोलर पैनल को क्या नुकसान होता है?
सोलर पैनल को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि वे विभिन्न मौसमों को सहन कर सकें। बारिश से सामान्यतः सोलर पैनल को कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि कुछ मामलों में हल्की बारिश धूल और मिट्टी को साफ कर देती है, जिससे पैनल और ज्यादा बिजली बनाने लगता है। हालांकि भारी बारिश या तूफान की स्थिति में पैनल की संरचना को नुकसान पहुँच सकता है, इसलिए मजबूत माउंटिंग और वाटरप्रूफ तकनीक का उपयोग करना जरूरी है।
अगर पैनल के लिए बनाया गया फाउंडेशन यानी जो सीमेंट का फाउंडेशन बनाकर जीआई का एंगल के ऊपर पैनल को फिट किया जाता है वो मजबूत है तो बारिश हो तूफान हो तो भी पैनल को कोई नुकसान नहीं हो सकता है, इसलिए जब भी सोलर पैनल अपने घर पर इंस्टॉल करवायें तो उसे जी के एंगल के ऊपर नट बोल्ट से फिट करवा कर सीमेंट के मसाला से मजबूती के साथ फाउंडेशन बनाएं।
4. बैटरी स्टोरेज और इनवर्टर की भूमिका
ज्यादा बारिश होने पर धूप के कमी में पैनल बिजली कम बनाता है इसलिए बैटरी बैकअप भी पूरा नहीं हो सकता है, ऐसे समस्या का समाधान पाने के लिए लोग ऊर्जा के खपत से भी ज्यादा पैनल लगाते हैं ताकि बारिश में कम धूप होने पर भी बैटरी पूरा चार्ज हो सके।
बारिश के समय जब बिजली उत्पादन कम होता है, तब बैटरी स्टोरेज बहुत उपयोगी साबित होती है। सोलर सिस्टम से दिन के समय जो बिजली उत्पन्न होती है, उसे बैटरी में संग्रहीत किया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है। इनवर्टर इस संग्रहित ऊर्जा को उपयोग योग्य एसी करंट में बदलने का कार्य करता है।
5. मॉनसून में सोलर पैनल का रखरखाव
मॉनसून के मौसम में पैनल की नियमित सफाई और निरीक्षण बहुत जरूरी होता है। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पैनल पर कोई पत्ते, मिट्टी या पानी जमा न हो। इसके अलावा वायरिंग और जॉइंट्स की जांच करनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की लीकेज या शॉर्ट सर्किट की संभावना न रहे।
पोस्ट का समाप्ति
बारिश के मौसम में सोलर पैनल पूरी क्षमता से तो नहीं, लेकिन सीमित रूप से काम करते हैं। वे बिखरी हुई सूर्य की रोशनी से भी बिजली बना सकते हैं, हालांकि उत्पादन कम होता है। अच्छी बैटरी और इनवर्टर प्रणाली के साथ सोलर पैनल वर्षभर उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। यदि सही तरीके से रखरखाव किया जाए और गुणवत्ता वाले उपकरणों का प्रयोग हो, तो बारिश का मौसम सोलर सिस्टम के लिए कोई बड़ी रुकावट नहीं बनता।
इसलिए, यदि आप सोलर पैनल लगाने की सोच रहे हैं, तो बारिश से घबराने की जरूरत नहीं है। एक अच्छी योजना और सही तकनीकी जानकारी के साथ सोलर एनर्जी को वर्षभर लाभप्रद रूप से उपयोग में लाया जा सकता है।

mysolarurja.com में आप सभी का स्वागत है मेरा नाम सुशील कुमार है और मैं भारत में लगभग सभी सोलर बनाने वाली कंपनियों के साथ में काम किया हूं। इस ब्लॉग पर आपको सोलर से जुड़ी लगभग सभी तरह की सामग्री मिलेगी और हम सदा इसी कोशिश में रहेंगे की इस साइट पर आने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब मिले।