आप सभी ने सोलर सब्सिडी के बारे में तो सुना ही होगा इस पोस्ट में हम जानेंगे कि सब्सिडी कैसे मिलता है और इसके लिए अप्लाई कैसे किया जाता है। क्योंकि सोलर लगाने में पहली बार थोड़ा ज्यादा ही पैसा लगता है इसलिए लेकिन कई राज्यों में सोलर के ऊपर सरकार 70 पर्सेंट तक सब्सिडी देती है तो अगर आपको भी सब्सिडी मिल जाए तो कितना अच्छा रहेगा।
बहुत से लोगों को ये नहीं पता है कि सब्सिडी कैसे मिलता है और जिन्हें पता है वो इसका फायदा उठाते हैं इसलिए भी हमने इस पोस्ट को लिखने का निश्चय किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग Solar Panel सब्सिडी के बारे में जानकारी ले सकें और गरीब लोग भी सब्सिडी के जरिए अपना घर या खेत में सोलर पैनल लगवा सके।
सोलर सब्सिडी क्या होता है?
सब्सिडी का दूसरा नाम अनुदान होता है यानी किसी भी प्रोडक्ट में जब सरकार अपने तरफ से अनुदान देती है तो उसे ही सब्सिडी कहा जाता है। उदाहरण के लिए रसोई गैस पर सरकार अपने तरफ से कुछ परसेंट सब्सिडी देती है यानी बिना सब्सिडी का अगर एक सिलेंडर ₹1000 का आता है तो सब्सिडी काट के 800 या ₹900 ही देना होता है यानी 100 से ₹200 तक का सब्सिडी में बचत हो जाता है।
भारत सरकार के तरफ से किसान एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक करने एवं बढ़ावा देने के लिए सोलर वाटर पंप पर सब्सिडी योजना समय-समय पर चलाया जाता है, इस सब्सिडी को मुख्यतः केंद्र सरकार के MNRE के तरफ से चलाया जाता है एवं अलग-अलग राज्य सरकारों को सहयोग दिया जाता है ताकि वो किसानों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 5 एचपी तक के सोलर वाटर पंप लगाने पर सब्सिडी दे सकें। सोलर वाटर पंप लगा लेने के बाद किसान बिजली और डीजल के खर्चे से बच जाते हैं ऐसे में पर्यावरण की भी सुरक्षा हो पाती है।
सरकार के तरफ से मिलने वाला सब्सिडी अलग-अलग राज्यों के हालात के अनुसार अलग-अलग प्रतिशत में होती है कई राज्यों में 70% तक सब्सिडी मिलता है यानी किसान को सिर्फ 30 परसेंट पैसा ही देना होता है बाकी सरकार के सब्सिडी में चला जाता है। ज्यादातर सब्सिडी उन राज्यों में मिलती है जहां पर किसान सुखा के मार को झेल रहे होते हैं यानी राज्यों में बिजली की ज्यादा कमी होती है।
सरकार के तरफ से सोलर वाटर पंप पर सब्सिडी देने के लिए कई सारे योजनाएं चलती रहती है जिसमें एक योजना कुसुम (KUSUM) योजना भी है इस योजना के तहत सोलर पंप में मिलने वाले सब्सिडी केंद्र एवं राज्य सरकारों के तरफ से 60% तक हो सकती है जिसमें करीब 30% राशि किसानों को बैंक से लोन दिलवा दिया जाता है अब किसानों को सिर्फ और सिर्फ 10 परसेंट राशि ही भरना पड़ता है।
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सोलर पंप पर सब्सिडी किसे मिलता है?
सोलर वाटर पंप पर सब्सिडी किसानों एवं व्यवसायों को दी जाती है वो किसान जो खेतों के सिंचाई के लिए सोलर वाटर पंप लगवाते हैं। विशेष रूप से किसानों को ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के तरफ से चलाए जा रहे कुसुम योजना के तहत सब्सिडी दिया जाता है ताकि किसानों को बिजली एवं डीजल से बचत हो सके और इससे पर्यावरण का भी बचत हो पाता है।
अगर किसी किसान को सोलर वाटर पंप पर सब्सिडी मिल जाती है तो फिर उन्हें सिर्फ 10% ही पेमेंट करना होता है बाकी 60% सरकार सब्सिडी दे देती है और 30% पैसा किसी न किसी बैंक से उस किसान को लोन दिलवा दिया जाता है। खास करके वो किसान जो डीजल एवं बिजली बिल का सामना नहीं कर पा रहे हैं उन्हें ही सब्सिडी के तहत सोलर वाटर पंप दिया जाता है।
ऑन ग्रिड सोलर पर सब्सिडी मिलता है
अगर आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवातें हैं तब आपको सरकार के तरफ से सब्सिडी मिल सकता है ऑन ग्रिड सोलर वो होता है जो सरकार के द्वारा लगाया गया आपके मीटर से कनेक्ट होता है।
सोलर पैनल से जो भी बिजली बनती है वो मीटर के द्वारा सरकार के पास जाती है फिर आप ग्रीड बिजली जितना भी इस्तेमाल करते हैं वो आपके सोलर पैनल से बना हुआ बिजली में माइनस हो जाता है।
अगर आप अपने घर के खर्चे से ज्यादा बिजली सोलर पैनल से बना लेते हैं तो फिर उसका रिटर्न आपको सरकार की तरफ से मिल जाता है।
लेकिन अगर आप ऑफ ग्रिड सिस्टम या हाइब्रिड सिस्टम लगवाते हैं जिसमें बैटरी होता है और उस बैटरी को चार्ज करके रात के समय में उसका इस्तेमाल किया जाता है तो फिर ऐसे में सरकार के तरफ से सब्सिडी नहीं मिलती है वो आपको खुद से लगवाना होता है सरकार सिर्फ ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में ही सब्सिडी देती है।
लेकिन ध्यान रहे जब आप अपने घर पर ऑन ग्रिड सिस्टम लगवाएंगे तभी सब्सिडी मिलेगी अगर आप ऑन ग्रिड सिस्टम को अपने दुकान पर, स्कूल पर, या कमर्शियल बिल्डिंग इत्यादि पर लगाते हैं तो भी आपको सब्सिडी नहीं मिल पाएगा क्योंकि ये सब्सिडी सरकार घरेलू उपयोग के लिए देती है बिजनेस के लिए नहीं।
अपना घर के अलावा एनजीओ के बिल्डिंग पर भी आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगाते हैं तो भी आपको सब्सिडी मिल सकता है।
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10 किलो वाट सोलर पर ही सब्सिडी मिलता है
अगर आप 1 किलो वाट से लेकर 10 किलो वाट के अंदर ही अपने घर पर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाते हैं तभी आपको सब्सिडी मिलता है अगर आप 10 किलो वाट से ज्यादा का सिस्टम लगाते हैं तो फिर आपको सब्सिडी 10 किलो वाट तक ही मिलेगा बाकी के आप जितना भी ज्यादा से ज्यादा लगवा आएंगे उसका पूरा पैसा आपको भरना होता है।
उदाहरण के लिए अगर आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम 15 किलो वाट का लगवा रहे हैं तो फिर 10 किलो वाट का जितना भी पैसा बनेगा उसमें सरकार सब्सिडी दे देगी बाकी के 5 किलो वाट का पूरा पैसा आपको भरना होगा।
कितना पर्सेंट सब्सिडी मिलता है
हमारे देश में MNRE यानी Ministry of New and Renewable Energy ये भारत सरकार का ही एक बॉडी है और यही ये तय करता है कि कितने किलो वाट ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने पर कितना पर्सेंट का सब्सिडी मिलेगा।
अभी साल 2022-23 में MNRE के अनुसार 1 से 3 किलो वाट ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने पर 40 परसेंट तक का सब्सिडी मिलता है। यानी अगर उदाहरण के लिए ₹100 का पूरा खर्च हो रहा है तो इसमें ₹40 सरकार देगी बाकी के ₹60 ही आपको देना होगा।
लेकिन अगर आप 3 किलोवाट से ऊपर और 10 किलो वाट तक ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाते हैं तो फिर आपको 20 परसेंट ही सरकार के तरफ से सब्सिडी मिल पाएगा यानी उदाहरण के लिए पूरा खर्चा ₹100 होता है तो ₹80 आपको देने होंगे और ₹20 सरकार के तरफ से सब्सिडी मिल जाएगा।
यानी अगर आप 10 किलो वाट का ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगाते हैं तो 3 किलो वाट तक 40 परसेंट का सब्सिडी मिलेगा और बाकी के 7 किलो वाट पर 20 परसेंट का सब्सिडी मिलता है।
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कैसे मिलेगा सब्सिडी
अलग अलग राज्य सरकारें अलग-अलग सोलर कंपनियों को सब्सिडी के लिए हिस्सेदारी करती है और अगर आप उन्हीं कंपनियों से सोलर लगाते हैं तभी आपको सब्सिडी मिल पाता है।
उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार 10 सोलर कंपनियों के साथ में हिस्सेदारी की है तो आप उन्ही 10 कंपनियों में से किसी एक कंपनी से ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाना होता है फिर जितने परसेंट भी आपका सब्सिडी होता है उतना पर्सेंट आपको मिल जाता है।
अगर आप किसी ऐसे सोलर कंपनी से ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगाते हैं जिसके नाम पर राज्य सरकार के तरफ से टेंडर नहीं दिया गया है तो फिर इस स्थिति में आपको कोई सब्सिडी नहीं मिल पाता है।
सब्सिडी काटकर ही पैसे देना होता है
जब आप अपने घर पर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाते हैं और उस पर जितना भी सब्सिडी होता है उतना पैसा काट कर ही आपको कंपनी को भरना होता है। उदाहरण के लिए सोलर का खर्च ₹100000 आ रहा है और इसमें आपको 40 परसेंट सब्सिडी मिल रहा है तो फिर आप कंपनी को ₹60000 ही भरेंगे बाकी के ₹40000 राज्य सरकार देगी सब्सिडी के एवज में।
तो ऐसे में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने पर आपका काफी सारा पैसा बच जाता है लेकिन ये क्योंकि ग्रिड से कनेक्ट होता है इसलिए आप इसमें रात के लिए बैकअप के तौर पर बैटरी चार्ज नहीं कर पाते हैं।
सोलर सब्सिडी के लिए अप्लाई कैसे करें?
सब्सिडी पर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने का दो रास्ता होता है पहला आपके राज्य में जो डिपार्टमेंट MNRE का काम करता है या फिर वो डिपार्टमेंट जो आपके राज्य में सब्सिडी के लिए टेंडर इनवाइट करता है उसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप सब्सिडी के लिए निकाला गया टेंडर के बारे में आप पूरी जानकारी ले सकते हैं।
उसी वेबसाइट पर आप उन सोलर कंपनियों का लिस्ट भी देख सकते हैं जिसके लिए आपके राज्य सरकार ने टेंडर निकाली हुई है और उन कंपनियों से आप टोल फ्री नंबर या ईमेल के द्वारा कनेक्ट कर सकते हैं या फिर उनके वेबसाइट पर एक फॉर्म होता है उसे आपको भरना होता है और फिर वो कंपनी अपने आप ही आपसे कांटेक्ट करेगी।
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सब्सिडी के लिए सोलर डीलर से संपर्क करें
आज के समय में हर जगह हर एरिया में सोलर डीलर मिल जाएंगे आप उनसे संपर्क कर सकते हैं उन लोगों को पता होता है कि उस राज्य की सरकार ने कौन-कौन से सोलर कंपनी के साथ में सब्सिडी के लिए टेंडर निकाला हुआ है और इस तरह से आप डीलर के जरिए भी उन कंपनी वालों से कांटेक्ट कर सब्सिडी पर ऑन ग्रिड सोलर लगवा पाएंगे।
आपके क्षेत्र में किसी बड़ा मार्केट में सोलर का दुकान जरूर होगा वो सोलर डीलर होते हैं और एक ही कंपनी का पैनल एवं अन्य उपकरण रखते हैं। उन से आप संपर्क करके सब्सिडी के बारे में बात कर सकते हैं वहां पर आपको उन कंपनियों के बारे में पता चल जाएगा जिसके साथ में आपके राज्य सरकार टेंडर निकाली हुई है।
इसके अलावा आप सोलर कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी से भी संपर्क करके सब्सिडी पर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में बात कर सकते हैं उनसे भी आपको काफी सहायता मिल सकता है।
सोलर सब्सिडी के नुकसान
सोलर पर मिलने वाला सब्सिडी का पहला नुकसान या कमी ये होता है कि सब्सिडी आपको हर समय नहीं मिलता है बल्कि साल दो साल में कभी-कभी कुछ महीनों के लिए आता है और उसी समय आप ले लेते हैं तो फिर आपको मिल जाता है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि चलो अभी नहीं लेंगे कुछ दिन बाद ले लेंगे तो फिर खत्म होने पर पता नहीं 1 साल या 2 साल तक इंतजार करना पड़े।
दूसरा सबसे बड़ा कमी सब्सिडी में ये होता है कि इसमें आपको पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल ही मिलते हैं अगर आप चाहते हैं कि सब्सिडी में हाई रेफिसेंसी के पैनल मिल जाए जैसे मोनो पैनल, हाफ कट इत्यादि इस तरह का पैनल नहीं मिल पाते हैं ऐसे हाई रेफिसेंसी का पैनल लगवाने के लिए आपको खुद से ही लगवाना होता है पूरा पैसा जमा करना होता है।
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निष्कर्ष
हमने यहां पर जाना की सब्सिडी कैसे मिलता है और इसके अलावा सोलर सब्सिडी से संबंधित लगभग सभी जानकारियां प्राप्त किया आप अपने राज्य में पता करते रहें की सब्सिडी कब आ रही है और अपना सुविधा के अनुसार कंपनियों से संपर्क करके लगवाने का प्रयास करें।
अगर अभी भी आपके मन में सब्सिडी से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं और इस ब्लॉग को अपने ब्राउज़र में बुकमार्क जरूर करें ताकि सोलर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको मिलती रहे।
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