saurya urja kya haisaurya urja kya hai

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि सौर ऊर्जा क्या है क्योंकि ये एक ऐसा ऊर्जा है जो हमें सूर्य से प्राप्त होता है सूर्य से आने वाला ऊर्जा से ही धरती पर जीवन है पेड़ पौधे हैं वनस्पतियां है जीव जंतु एवं मनुष्य भी इसी उर्जा के कारण अपना जीवन यापन धरती पर कर रहा है।

हिंदू धर्म में सूर्य को भगवान की तरह पूजा जाता है। सूर्य के धूप में बैठने से हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी की पूर्ति होती है इसके अलावा पेड़ पौधे भी सूर्य के धूप से ही अपना भोजन बनाते हैं।

सूर्य के धूप में सोलर पैनल रखके बिजली बनाई जाती है और उससे हमारे घर में पंखा टीवी या अन्य बिजली से चलने वाले उपकरण चलते हैं।

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि सौर ऊर्जा क्या है इसका इस्तेमाल मनुष्य कैसे करते हैं और इसे हम सोलर पैनल के द्वारा बिजली में कैसे कन्वर्ट करके अपने घरों या कारखानों में बिजली के कमी को पूरा करते हैं।

सौर ऊर्जा क्या है?

सूर्य के प्रकाश से जो हमें ऊर्जा मिलती है उसे ही हम सौर ऊर्जा कहते हैं। जब सूर्य का प्रकाश धरती पर आता है तो उसे सोलर पैनल के जरिए विद्युत में कन्वर्ट किया जाता है और उस विद्युत से हम बिजली से चलने वाले सभी उपकरण जैसे पंखा टीवी बल्ब इत्यादि चला पाते हैं। जब सूर्य की रोशनी धरती पर आती है तो उस रोशनी को सोलर पैनल के जरिए ऊर्जा के रूप में बदला जाता है और फिर उस ऊर्जा से बिजली से चलने वाले सभी उपकरण चलता है और इसे ही सौर ऊर्जा कहा जाता है।

वैसे तो सूर्य के धूप या उर्जा को मनुष्य कई तरह से उपयोग में लाते हैं लेकिन खास करके इसे विद्युत ऊर्जा में कन्वर्ट करके बिजली के कमी को पूरा किया जाता है इसीलिए इस ऊर्जा को सौर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

सूर्य का प्रकाश इतना मात्रा में धरती पर आता है जिसे सोलर पैनल के द्वारा विधुत में कन्वर्ट किया जाए तो इससे पूरी दुनिया का बिजली का खपत पूरा हो सकता है।

जब तक सूर्य है तब तक हम सौर ऊर्जा का लाभ लेते रहेंगे और ये ऊर्जा प्रदूषण रहित होता है इसलिए भी इसका महत्व बहुत ज्यादा होता है क्योंकि कोयला से बनने वाला ऊर्जा प्रदूषण करता है।

सौर ऊर्जा के फायदे

सौर ऊर्जा के फायदे ही फायदे हैं सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये कभी न खत्म होने वाला ऊर्जा है और ये प्रदूषण रहित ऊर्जा है। सूर्य से आने वाले विकिरण ऊर्जा को सोलर पैनल या अन्य उपकरणों के द्वारा विद्युत में कन्वर्ट किया जाता है।

भारत ऐसा देश है जहां पर साल के 300 दिन पूरा दिन सूर्य का धूप मिलता है और यहां प्रतिदिन औसतन 4 से 7 किलो वाट प्रति घंटा प्रति वर्ग मीटर सौर ऊर्जा मिलती है।

सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलने वाले उपकरण जिसे सोलर पैनल कहा जाता है इसका लाइफ बहुत ज्यादा होता है। ये पैनल जल्दी खराब नहीं होते हैं और दशकों तक आप को सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करके विद्युत में कन्वर्ट करके देते रहते हैं।

कोयले से ऊर्जा का उत्पादन करने पर बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है जबकि सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित होता है और बहुत ज्यादा महंगा भी नहीं होता है।

भारत देश में लगभग सभी इलाकों में सूर्य का धूप उपलब्ध होता है इसलिए सौर ऊर्जा के जरिए भारत में बिजली के खपत को सुन्य किया जा सकता है।

कोयले का ऊर्जा या अन्य ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए तार एवं ट्रांसमिशन का आवश्यकता होता है लेकिन सौर ऊर्जा में ऐसा नहीं है।

भारत में हर घर तक बिजली पहुंचा पाना बहुत बड़ी चुनौती था लेकिन सौर ऊर्जा के जरिए ये सपना सफल हो रहा है और जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है वहां पर सोलर पैनल के जरिए सौर ऊर्जा से लोगों के घर एवं सिंचाई का काम चल रहा है।

कुछ कमियां भी हैं

जिस तरह से किसी चीज से एक तरफ फायदा होता है उसी तरह से दूसरे तरफ उससे कुछ नुकसान भी हो सकता है ऐसे ही सौर ऊर्जा के साथ में भी है इससे अगर बड़े पैमाने पर फायदा है तो कुछ कमियां भी इसके अंदर होती है।

  • 1. सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी पर बड़ा निवेश करना पड़ता है वैसे एक बार बड़े खर्चे के बाद कई सालों तक फ्री का बिजली मिलता है लेकिन शुरुआती में ज्यादा पैसे लगते हैं।
  • 2. इतना बड़ा निवेश करने के बाद भी बरसात के मौसम में बिजली का उत्पादन बहुत कम हो जाता है जिससे घर का सभी उपकरण को चलाना मुश्किल हो जाता है।
  • 3. भारत में कई जगहों पर सूरज की रोशनी कम आती है जहां पर सोलर पैनल उतना कारगर नहीं हो पाता है।
  • 4. फिर भी विशेषज्ञ का ये कहना है कि आने वाले समय सौर ऊर्जा का ही है अभी हाल ही में पीएम मोदी पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुरुआत सौर ऊर्जा का बढ़ावा के लिए ही किए हैं।

सौर ऊर्जा का इस्तेमाल में आने वाली दिक्कतें

भारत में सूर्य की रोशनी को ऊर्जा में कन्वर्ट करने वाले ज्यादातर उपकरण काफी हद तक आयात पर निर्भर हैं। अगर भारत में सौर ऊर्जा के उत्पादन करने के लिए उपकरणों का निर्माण किया जाता है तो उसके लिए WTO के पास कानूनी चुनौतियों से निपटना पड़ता है।

भारत में शहरी इलाकों में बहुत ज्यादा जनसंख्या घनत्व है जिसके वजह से सौर पैनल लगाने के लिए जगह की कमी पड़ सकती है।

आने वाले 30 वर्ष यानी 2050 तक ऐसा अनुमान लगाया गया है कि भारत में सौर ऊर्जा का कचरा करीब 1.8 मिलियन पहुंचने वाला है।

सौर ऊर्जा का उपयोग कहां कहां होता है?

सौर ऊर्जा का उपयोग उन सभी जगहों पर हो सकता है जहां बिजली का उपयोग होता है। सौर ऊर्जा से बनने वाला विद्युत से आप अपने घर के उपकरण जैसे टीवी पंखा बल्ब से लेकर सिंचाई के लिए Solar Water Pump इत्यादि को चला सकते हैं।

यानी कुल मिलाकर अभी तक जितने भी काम बिजली से हो रहे थे वो सभी काम सौर ऊर्जा से हो सकता है घरेलू उपयोग में भी और कंपनियों में भी सौर ऊर्जा से मशीनें चल सकती है।

आजकल भारत के कई राज्यों में किसान अपने खेतों की सिंचाई Solar Water Pump से कर रहे हैं ये पंप सोलर पैनल से चलता है और बिजली से चलने वाले पंप के इतना ही पानी देता है।

आजकल सोलर ऑटो भी आ रहा है ऑटो के ऊपर ही सोलर पैनल लगा होता है। पैनल पर धूप लगता है और धूप से ऑटो में लगा हुआ बैटरी चार्ज होता है।

और उसी बैटरी से ऑटो चलता है। और डीजल से चलने वाले ऑटो से भी सोलर ऑटो अच्छ स्पीड देता है एवं इसका बैटरी भी अच्छा बैकअप देती है।

पिछले पोस्ट में हमने Do Pankha Ke Liye Solar Panel के बारे में जानकारी लिया था। सरकार भी Rooftop Scheme के जरिए लोगों को सब्सिडी के साथ सोलर पैनल उपलब्ध करा रही है ताकि कोयले से बनने वाले बिजली को कम किया जा सके और बढ़ते हुए प्रदूषण को रोका जा सके।

पर्यावरण के लिए अच्छा विकल्प

भारत में अभी ऊर्जा का खपत थर्मल एनर्जी से पूरा किया जाता है और ये जीवाश्म ईंधन पर निर्भर होता है एवं इससे काफी प्रदूषण होता है।

लेकिन अगर भारत में ऊर्जा का खपत सौर ऊर्जा से होने लगे तो फिर हमारा पर्यावरण का भी रक्षा हो पाएगा और लोगों को अपने बिजली से चलने वाले उपकरण को चलाने के लिए एक अच्छा विकल्प भी मिल जाएगा।

सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित ऊर्जा होता है इसलिए इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार भी Rooftop Scheme जैसी योजनाएं ला रही है जिसमें लोगों को सब्सिडी दिया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बिजली के खपत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर निर्भर होवें।

सौर ऊर्जा से बना हुआ यंत्र

सोलर कुकर

खाना पकाने के लिए सोलर कुकर होते हैं जिसके अंदर खाना रखकर इसमें लगा पैनल को धूप में रखा जाता है और पैनल सूरज की रोशनी से बिजली बनाकर कुकर में रखे हुए खाना को गर्म करता है।

सोलर कुकर में पानी बहुत ही आसानी से गर्म किया जा सकता है इसके अलावा कुकर में सूर्य की धूप से अन्य खाना भी पकाए जाते हैं।

डीश सौर कुकर

डीश सौर कुकर काले रंग के होते हैं ये कुकर परबोलिक डिश के द्वारा सूरज की रोशनी को खींचते हैं और इसी तापमान में कुकर के अंदर रखा हुआ खाना पकता है।

डीश सौर कुकर का तापमान तेज होता है इसलिए इस पर खाना बहुत तेजी से पक जाता है और इसमें खास करके उबालने वाली चीजें उबाली जाती है जैसे आलू अंडा इत्यादि।

डीश सौर कुकर का साइज बड़ा होता है इसलिए इसमें लगभग 10 लोगों के लिए खाना पक सकता है। वैसे छोटे आकार में भी कुकर बाजार में मिल जाएंगे जिसमें 5 लोगों का खाना पक जायेगा।

सोलर मोबाइल चार्जर

उन ग्रामीण एरिया में जहां पर बिजली की कटौती ज्यादा होती है या फिर अभी तक बिजली पहुंचा ही नहीं है ऐसे जगहों पर सोलर मोबाइल चार्जर बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

इसमें एक 10 से लेकर 50 वाट तक का सोलर पैनल होता है और एक 7ah की बैटरी होती है। उस बैटरी को सोलर पैनल चार्ज करता है और फिर उससे हमारा मोबाइल चार्ज होता है।

इस सोलर पैनल और बैटरी के जरिए आप दिन में तो अपना मोबाइल चार्ज कर ही लेते हैं फिर रात के लिए भी बैटरी बैकअप बचा रहता है तो उससे आप या तो अपना मोबाइल चार्ज कर सकते हैं या फिर एक से दो बल्ब जला सकते हैं।

सौर वायु उष्मन

सौर वायु उष्मन एक ऐसा सौर ऊर्जा से चलने वाला यंत्र है जिसमें कृषि उत्पादों या अन्य खाने पीने वाले पदार्थों को सुखाने के काम आता है जैसे चाय पत्ती साबुत मसाले लकड़ी इत्यादि।

कृषि उत्पादों को खुले में सुखाने पर कई तरह के नुकसान होते हैं इसलिए सौर वायु उष्मन का आविष्कार किया गया ताकि ये सौर ऊर्जा से चले और इन उत्पादों को सुरक्षित तरीके से सूखा पावे।

सौर लालटेन

आज से करीब 30 साल पहले केरोसिन तेल से चलने वाला लालटेन हुआ करता था जिसमें शीशा लगे होते थे लेकिन उसमें कमी ये था कि वो प्रदूषण भी करते थे और उससे आग लगने का खतरा भी बना रहता था।

ठीक वैसे ही अभी के समय में सौर लालटेन डिजाइन किया गया है जिसमें छोटा सोलर पैनल लगे होते हैं और ये प्रदूषण रहित भी है और इसमें आग लगने का भी कोई खतरा नहीं है।

ये सौर लालटेन दिन में धूप में चार्ज होते हैं और फिर रात को 3 से 5 घंटा रोशनी देते हैं। जिससे शाम के समय घर में या घर के बाहर रोशनी के कमी को पूरा किया जा सकता है।

सोलर वाटर पंप

अभी तक खेतों की सिंचाई या घर में जलापूर्ति के लिए बिजली से चलने वाला वाटर पंप ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते हैं लेकिन सौर ऊर्जा से चलने वाला Solar Water Pump प्रदूषण रहित भी है और जीवाश्म ईंधन के अच्छे विकल्प भी है।

सोलर वाटर पंप में कितना सोलर पैनल लगाना होता है ये उस वाटर पंप की क्षमता के ऊपर निर्भर करता है। कई जगहों पर हमने देखा है कि 2hp Solar Water Pump के लिए 300 वाट के 6 पैनल लगे होते हैं।

घर में पानी की आपूर्ति के लिए 1hp Solar Water Pump लगाए जाते हैं जो हमारे घरों के ऊपर लगे हुए पानी के टंकी को फुल करते हैं।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने सीखा की सौर ऊर्जा क्या है एवं सौर ऊर्जा से चलने वाले कई उपकरणों के बारे में भी बात किया और हमें उम्मीद है इसे पढ़कर आपके सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे।

आने वाला समय सौर ऊर्जा का ही है क्योंकि सबसे बड़ी बात ये है कि ये प्रदूषण रहित है और कभी न खत्म होने वाला ऊर्जा है। अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे जवाब पाएं।

By Mysolarurja

mysolarurja.com में आप सभी का स्वागत है मेरा नाम सुशील कुमार है और मैं भारत में लगभग सभी सोलर बनाने वाली कंपनियों के साथ में काम किया हूं। इस ब्लॉग पर आपको सोलर से जुड़ी लगभग सभी तरह की सामग्री मिलेगी और हम सदा इसी कोशिश में रहेंगे की इस साइट पर आने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब मिले।

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