1 5 kw solar panel price in india with subsidy1 5 kw solar panel price in india with subsidy

इस पोस्ट में हम 1.5 किलोवाट सोलर पैनल के बारे में बात करेंगे लेकिन पुराना वाला टेक्नोलॉजी नहीं जो काफी महंगे होते हैं कीमत भी बहुत ज्यादा होता है बल्कि यह नया टेक्नोलॉजी से बना हुआ सोलर पैनल है जिसे एक बार लगा लेने के बाद 25 से 30 साल तक का फुर्सत हो जाता है।

1.5 किलोवाट सोलर पैनल किसे लेना चाहिए

1.5 किलोवाट सोलर पैनल उन लोगों को लगाना चाहिए जिनके घर में एक फ्रिज एक कुलर तीन चार पंख तीन-चार टीवी एवं बल्ब इत्यादि लगे हैं उन लोगों को लेना चाहिए साथ में 1 hp सबमर्सिबल पंप भी आराम से चल जाएगा।

डेढ़ किलो वाट सोलर पैनल पूरा करने के लिए आप कई तरह के पैनलों को जोड़ सकते हैं जैसे 160 वाट का पैनल या 250 वाट का फिलहाल अभी 415 वाट का पैनल भी आ रहे हैं।

1.5 किलोवाट सोलर 250 यूनिट तक खर्च को संभाल लेता है

1.5 किलोवाट सोलर सिस्टम उन लोगों को लगाना चाहिए जिनके घर में महीने का 200 से 250 यूनिट बिजली खर्च होती है अगर इतना खर्चा है तो फिर आप एक किलो वाट सोलर पैनल लगवा सकते हैं।

अगर आपके घर में पहले से बिजली का कनेक्शन है तो भी आप सोलर पैनल लगवा सकते हैं इससे आपका बिजली का बिल का बचत होगा और अगर बिजली के खर्च के हिसाब से पूरा पैनल लगवा लेंगे तो फिर बिजली का बिल बिल्कुल भी नहीं आएगा।

1.5 किलो वाट सोलर पैनल सबसे एडवांस और सस्ता

अगर आप 1.5 किलोवाट सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं वो भी सबसे सस्ता तो इसके लिए आप पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल ले सकते हैं क्योंकि यह सस्ता भी है और एडवांस भी है।

पूरे भारत भर में आप जिधर भी देखेंगे उधर आपको Polycrystalline के पैनल ही दिखते हैं दूसरे टेक्नोलॉजी से बने हुए Panel बहुत कम देखने को मिलता है क्योंकि पॉलीक्रिप्टलाइन ही ऐसा पैनल है जो सभी टेक्नोलॉजी से बने हुए पैनलों से सबसे सस्ता होता है।

अगर आप 1.5 किलो वाट सोलर पैनल अपने घर पर इंस्टॉल करवाते हैं तो इसके लिए 1800 va इनवर्टर की आवश्यकता होती है और आप चाहे तो इससे भी ज्यादा लोड कैपेसिटी वाला इनवर्टर ले सकते हैं इससे फायदा ये होगा कि भविष्य में आप पैनल को बढ़ाते जाएंगे और इनवर्टर आपका यही चलता रहेगा।

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बैटरी बैकअप का भी आवश्यकता होती है

सोलर पैनल और इनवर्टर आपको सिर्फ दिन में ही जब धूप रहेगा तभी बिजली बना कर दे पाएंगे लेकिन रात होने पर जब धूप चला जाएगा तो आपका सोलर बिजली बनाना बंद कर देगा।

इसलिए सोलर पैनल और इनवर्टर के साथ में बैटरी भी लगाया जाता है ताकि रात के लिए बैकअप बना रहे और हमारे घर का उपकरण धूप न होने पर भी चला रहे।

यदि आप 1.5 किलोवाट सोलर पैनल लगवा रहे हैं तो इसके साथ में कम से कम 150ah का दो बैटरी लगाना आवश्यक है क्योंकि जैसे कि हमने ऊपर पोस्ट में लोड के बारे में बात की है उतना लोड को रात में चलाने के लिए दो बैटरी आवश्यक है।

क्योंकि अगर आप कम बैटरी लगाएंगे तो फिर बैकअप भी कम ही हो पाएगा और आपके घर का सभी उपकरण नहीं चल पाएगा इसलिए कम से कम दो बैटरी और ज्यादा से ज्यादा चार बैटरी लगा सकते हैं।

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कुल लागत

अगर आप एक 160 वाट का सोलर पैनल लेते हैं तो यह करीब ₹7000 में मिलता है तो ऐसे करके 1.5 किलो वाट के लिए आपको 9 से 10 पैनल लेना होगा और इस हिसाब से ₹60000 के आसपास सिर्फ पैनल में खर्चा लग सकता है।

वहीं अगर आप एक बैटरी 150ah का लेते हैं तो करीब 14000 रुपए के आसपास में यह मिल जाता है और दो बैटरी का कीमत 28000 रुपए हो सकता है।

अब अगर इनवर्टर की बात करें तो 1800va का इनवर्टर करीब ₹10000 के आसपास में मिल सकता है ये सभी उपकरण अलग-अलग कंपनियों के हिसाब से अलग-अलग लागत हो सकते हैं इसलिए खरीदने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर कर लें।

अब अगर सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी इन सभी का कुल लागत की बात करें तो सब मिलकर 100000 से लेकर ₹110000 तक का हो सकता है लेकिन अभी इसमें एक्स्ट्रा खर्च जोड़ना बाकि है।

एक्स्ट्रा खर्चा में जीआई का एंगल है जिसको अपने घर के छत के ऊपर लगाकर इसी के ऊपर पैनल को फिट किया जाता है इसके अलावा एक्स्ट्रा वायर भी लगता है एवं वायर को कनेक्ट करने वाला कनेक्टर भी लगता है।

तो एक्स्ट्रा खर्च के रूप में आप 10 से 15000 रुपए और जोड़ सकते हैं यानी कुल मिलाकर 125000 के आसपास में आप 1.5 किलो वाट सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी के साथ में लगवा सकते हैं।

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वारंटी कितनी होती है?

अगर सोलर पैनल की वारंटी की बात करें तो इसमें 25 साल की मैन्युफैक्चर की वारंटी होती है क्योंकि सोलर पैनल खराब नहीं होते हैं इसलिए इतना लंबा समय तक की वारंटी कंपनियां दे देती है लेकिन टूटना फूटना नहीं चाहिए अगर गिरकर टूट जाता है तो फिर उसका कोई वारंटी नहीं होती है।

वहीं अगर इनवर्टर की बात करें तो इसमें तीन से लेकर 5 साल तक की वारंटी हो सकती है ये कंपनी एवं इनवर्टर की क्वालिटी के ऊपर निर्भर करता है। कुछ कंपनियां कम वारंटी देती है और कुछ कंपनियां ज्यादा साल तक की वारंटी देती है।

वहीं अगर बैटरी की बात करें तो 2 साल से लेकर 5 साल तक की वारंटी होती है, 2 साल की वारंटी वाला बैटरी सस्ता में मिल जाता है लेकिन 5 साल की वारंटी वाला बैटरी का कीमत ज्यादा होता है क्योंकि ज्यादा वारंटी वाले बैटरी की क्वालिटी अच्छी होती है।

सब्सिडी कितना मिलता है?

भारत सरकार सोलर पर सब्सिडी देने के लिए समय-समय पर कई तरह के स्कीमें चलाती है आप अपने राज्य में ये पता कर सकते हैं कि सोलर पर मिलने वाला सब्सिडी के लिए क्या कोई स्कीम चल रहा है और अगर चल रहा है तो फिर आप उसके लिए आवेदन कर सकते हैं योग्य पाए जाने पर 70% तक की सब्सिडी मिल सकता है।

70% सब्सिडी का मतलब हुआ कि जहां सोलर खरीदने में ₹100 लग रहा है वहां आपको ₹30 ही देना पड़ेगा बाकी के ₹70 सब्सिडी में चला जाएगा। कई बार राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर सोलर पर सब्सिडी देने के लिए स्कीम चलाती है।

अगर आपको सब्सिडी में सोलर मिल जाता है तो फिर ये सबसे एडवांस और सबसे सस्ती टेक्नोलॉजी वाला सोलर साबित हो सकता है क्योंकि यहां पर आपको सिर्फ 30 परसेंट ही पैसे देना पड़ सकता है।

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निष्कर्ष

तो इस पोस्ट में हमने जाना की 1.5kw सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी का कितना खर्चा आएगा एवं सब्सिडी क्या है साथ ही साथ इससे क्या-क्या उपकरण चल सकते हैं और घर में कितना यूनिट बिजली खर्च होने पर कितना पैनल की आवश्यकता होगी।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़कर आपके सभी सवालों का जवाब मिल गए होंगे लेकिन अगर अभी भी सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी के बारे में आप हमसे कोई सवाल करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें हम आपके सवालों का जवाब

By Mysolarurja

mysolarurja.com में आप सभी का स्वागत है मेरा नाम सुशील कुमार है और मैं भारत में लगभग सभी सोलर बनाने वाली कंपनियों के साथ में काम किया हूं। इस ब्लॉग पर आपको सोलर से जुड़ी लगभग सभी तरह की सामग्री मिलेगी और हम सदा इसी कोशिश में रहेंगे की इस साइट पर आने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब मिले।

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