इस पोस्ट में हम जानेंगे कि सोलर पैनल कितने तरह के होते हैं अगर आप सोलर पैनल खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि यह सोलर पैनल कितने तरह के होते हैं और सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा है एवं बारिश में सोलर पैनल काम करता है या नहीं।
अपने घर पर सोलर लगवाने वालों के सामने ये एक बड़ी समस्या होती है उनको ये पता नहीं होता है कि वो कौन सा सोलर पैनल खरीदे इससे भी पहले उनको ये भी पता नहीं होता है कि सोलर पैनल कितने तरह के होते हैं और सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस पोस्ट को लिखना शुरू किया ताकि वो सभी लोग जो सोलर अपने घर पर लगवाना चाहते हैं उनको सोलर पैनल खरीदने में कोई परेशानी ना हो वो एक अच्छा सोलर पैनल का चुनाव कर सके।
सोलर पैनल कितने तरह के होते हैं?
सोलर पैनल कई तरह के होते हैं अपने-अपने विशेषताओं के साथ अलग-अलग कंपनियों के सोलर पैनल हैं नीचे उन सब के बारे में बारी बारी से बताया जा रहा है।
1. N Type Topcon सोलर पैनल
N Type Topcon सोलर पैनल सबसे नया टेक्नोलॉजी से बना हुआ पैनल है और अन्य पैनलों से सस्ता भी है इस पैनल को आप बाजार से 20 से ₹25 प्रति वाट के हिसाब से ले सकते हैं। एक ही साइज के पैनल में N Type का पावर ज्यादा होता है इसलिए अभी इसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
एक N Type का पैनल 500 वाट से लेकर 7.50 वाट तक का हो सकता है अगर आप इस एक 7.50 वाट के पैनल को अपने घर लाते हैं तो उससे 5 से 6 सीलिंग फैन को पूरा 24 घंटा चला पाएंगे।
2. Monocrystalline Solar Panel
Monocrystalline पैनल के Cells का निर्माण सिलिकॉन धातु के छोटे टुकड़े को पतला पतला वेफर्स में काट करके एवं उन्हें आयताकार बनाया जाता है और फिर श्रेणियों में जोड़कर मोनोक्रिस्टलाइन पैनल के सेल्स को बनाया जाता है। इस पैनल के कोशिकाओं के नीचे और ऊपर इलेक्ट्रिकल कांटेक्ट होते हैं।
ये पैनल एकल क्रिस्टल संरचना से बने होते हैं, आमतौर पर सिलिकॉन, जो उन्हें अत्यधिक कुशल बनाता है। यह काले रंग के होते हैं और वे अपने उच्च शक्ति उत्पादन और अंतरिक्ष दक्षता के लिए जाने जाते हैं। मोनोक्रिस्टलाइन पैनल आमतौर पर आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में उपयोग किए जाते हैं।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल कम धूप में भी अच्छा बिजली बनाते हैं और पूरा धूप मिलने पर ये पूरा बिजली बना कर देते हैं। ये पैनल पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल से थोड़ा महंगा होता है अगर आपका बजट ठीक है तो ये पैनल आपके लिए सबसे बेस्ट हो सकता है।
3. Polycrystalline Solar Panel
पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल कई सिलिकॉन क्रिस्टल से बने होते हैं, जिसके वजह से ये नीले रंग के दिखते हैं, Polycrystalline पैनल को Silicon Crystal से बनाया जाता है सिलिकॉन के टुकड़े को गर्म किया जाता है और फिर इसे ठंडा किया जाता है इन टुकड़ों को Oven में पिघला दिया जाता है और Cubes के द्वारा इसे बनाया जाता है और फिर पतला पतला Wafers में काट दिया जाता है।
यह मोनोक्रिस्टलाइन पैनल की तुलना में कम बिजली बना पाते हैं लेकिन अधिक किफायती हैं। पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल आमतौर पर आवासीय और उपयोगिता-पैमाने पर प्रतिष्ठानों में उपयोग किए जाते हैं।
Polycrystalline Solar Panel का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा लोग करते हैं क्योंकि ये सस्ते होते हैं और अच्छा धूप होने पर पूरा बिजली बना कर देते हैं धूप के कमी में यह पैनल बिजली भी कम बना पाते हैं। अगर आप पहाड़ी एरिया में है जिधर धूप कम होता है तो फिर यह पैनल आपके लिए सही नहीं रहेगा।
ये भी पढ़ें:- How To Connect Solar Panel To Battery and Inverter
4. Thin-Film Solar Panel
Thin-Film Panel एक सब्सट्रेट पर फोटोवोल्टिक सामग्री की एक पतली परत जमा करके बनाए जाते हैं। ये क्रिस्टलीय पैनलों की तुलना में हल्के, लचीले और निर्माण के लिए कम खर्चीले हैं। Thin-Film पैनल विभिन्न प्रकारों में आते हैं, जिनमें अनाकार सिलिकॉन (a-Si), कैडमियम टेल्यूराइड (CdTe) और कॉपर इंडियम गैलियम सेलेनाइड (CIGS) शामिल हैं। वे आमतौर पर बिल्डिंग-इंटीग्रेटेड फोटोवोल्टिक (बीआईपीवी) और अन्य अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं जहां लचीलापन वांछित होता है।
वैसे इस तरह के पैनल आप को कम देखने को मिलेंगे या ना के बराबर देखने को मिलेंगे क्योंकि भारत में ज्यादातर पॉलीक्रिस्टलाइन एवं मोनोक्रिस्टलाइन पैनल ही चलते हैं।
5. Bifacial Solar Panel
ज्यादातर Bifacial Solar Panel को Monocrystalline Cels से ही बनाए गए होते हैं लेकिन ये कोशिकाएं महंगी तो होती है पर ज्यादा कुशलता से काम करती है। Bifacial पैनल के सेल्स Monoffacial के सेल्स के जैसे ही दिखते हैं और होते भी हैं।
Bifacial Solar सामने से सूरज की रोशनी और पीछे की ओर से परावर्तित प्रकाश को कैप्चर करके पैनल के दोनों तरफ से बिजली उत्पन्न करता हैं। पैनल के माध्यम से प्रकाश को पारित करने की अनुमति देने के लिए उनके पास आमतौर पर एक ग्लास-ग्लास निर्माण होता है। Bifacial Solar अक्सर ऊंचे ढांचे पर या उच्च अल्बेडो वाले वातावरण में लगाए जाते हैं, जैसे कि बर्फ से ढके क्षेत्रों या परावर्तक सतहों के पास।
Bifacial Solar पैनल मोनोक्रिस्टलाइन एवं पॉलीक्रिस्टलाइन से महंगे होते हैं लेकिन इनका प्रदर्शन अच्छा होता है यह उन पैनलों से ज्यादा बिजली बनाते हैं और जैसे की हमने बताया यह दोनों तरफ से बिजली बनाते हैं।
ये भी पढ़ें:- Best Solar Panel in India
6. Concentrated Solar Panels
Concentrated Solar Panels (सीएसपी) एक छोटे से क्षेत्र में सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने के लिए लेंस या दर्पण का उपयोग करते हैं, जो तब गर्मी उत्पन्न करता है जो भाप टरबाइन या अन्य बिजली उत्पादन प्रणाली को चलाता है। सीएसपी प्रौद्योगिकी मुख्य रूप से बिजली उत्पन्न करने या औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए गर्मी प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर उपयोगिता परियोजनाओं में उपयोग की जाती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सौर पैनल प्रौद्योगिकी लगातार विकसित हो रही है, और भविष्य में बेहतर दक्षता और प्रदर्शन विशेषताओं वाले नए प्रकार के पैनल उभर सकते हैं।
सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा है?
सबसे अच्छा सोलर पैनल इस बात पर निर्भर करता है कि आप की आवश्यकता क्या है और आपका बजट कितना है आप अपने बजट एवं आवश्यकताओं के अनुसार सोलर पैनल को चुन सकते हैं वैसे नीचे हम कुछ अच्छे कंपनियों के सोलर पैनल के बारे में बता रहे हैं।
सनपॉवर
सनपॉवर एक बड़ी सोलर पैनल निर्माता कंपनी है जो एक उच्च गुणवत्ता वाला सोलर पैनल का उत्पादन करता है। ये अपने मोनोक्रिस्टलाइन पैनल के लिए जाने जाते हैं और उद्योग-अग्रणी वारंटी प्रदान करते हैं।
सन पावर सोलर पैनल कहीं-कहीं ही देखने को मिलेंगे क्योंकि भारत में पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल ही ज्यादा से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं और यह सस्ते भी होते हैं।
एलजी सोलर
एलजी सोलर एक प्रतिष्ठित एवं बड़ा सोलर पैनल के निर्माता है जो सबसे अच्छा सोलर पैनल का उत्पादन करता है। वे अच्छी दक्षता और प्रदर्शन के साथ मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन पैनलों की एक श्रृंखला पेश करते हैं। एलजी सोलर पैनल अपने स्थायित्व और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं।
एलजी का नाम कौन नहीं सुना होगा यह एक बड़ी कंपनी है और अपना कई सारे प्रोडक्ट के लिए जानी जाती है हो सकता है आपके घर में इस कंपनी के कई सारे प्रोडक्ट पहले से हो।
ये भी पढ़ें:- 3 KW Solar Ka Kimat भारत में कितना है
पैनासोनिक
पैनासोनिक अपने उच्च दक्षता वाले एचआईटी (आंतरिक पतली परत के साथ हेटेरोजंक्शन) सौर पैनलों के लिए पहचाना जाता है। उच्च दक्षता और तापमान प्रदर्शन प्राप्त करने के लिए ये पैनल मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन को अल्ट्रा-पतली अनाकार सिलिकॉन परतों के साथ जोड़ते हैं।
पैनासोनिक कंपनी के सोलर पैनल के अलावा और भी बहुत सारे प्रोडक्ट भारत में बिकते हैं आने वाला समय सोलर पैनल का ही है इसलिए धीरे-धीरे अब बहुत सारी कंपनियां सोलर का उत्पादन करने में लग रही है।
कैनेडियन सोलर
कैनेडियन सोलर एक वैश्विक सोलर पैनल निर्माता है जो अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए जाना जाता है। वे अच्छे प्रदर्शन और विश्वसनीयता के साथ मोनोक्रिस्टलाइन, पॉलीक्रिस्टलाइन और बाइफेसियल विकल्पों सहित पैनलों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं।
किसी भी कंपनी का सोलर पैनल लेते समय उसकी वारंटी कार्य क्षमता एवं कीमत के बारे में अच्छी तरह से जानकारी निकाल लें क्योंकि एक बार सोलर पैनल लगा लेने के बाद 15 से 20 साल के लिए फुर्सत हो जाता है अगर वह टूटे-फूटे ना तब।
JinkoSolar
JinkoSolar दुनिया के सबसे बड़े सौर पैनल निर्माताओं में से एक है, जो उच्च गुणवत्ता वाले पैनल प्रदान करता है। वे अच्छी दक्षता और विश्वसनीयता के साथ मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन दोनों विकल्प प्रदान करते हैं।
किसी प्रतिष्ठित सोलर इंस्टॉलर से परामर्श करना या अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ सोलर पैनल का निर्धारण करने के लिए गहन शोध करना महत्वपूर्ण है। निर्णय लेते समय दक्षता, स्थायित्व, वारंटी और कीमत जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणन और समीक्षाओं की जांच करें कि पैनल उद्योग मानकों को पूरा करता है और सकारात्मक उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया प्राप्त करता है।
क्या बारिश के मौसम में सोलर पैनल से बिजली बनता है?
सौर पैनल अभी भी बरसात के मौसम में बिजली पैदा कर सकते हैं, हालांकि धूप की स्थिति की तुलना में उनका उत्पादन कम हो जाएगा। बारिश का मौसम सौर पैनल के प्रदर्शन को प्रभावित करता है क्योंकि बादल और बारिश की बूंदें पैनलों तक पहुंचने वाली धूप की मात्रा को कम कर देती हैं। हालाँकि, सौर पैनल अभी भी विसरित या बिखरी हुई रोशनी से बिजली उत्पन्न कर सकते हैं, भले ही सीधी धूप सीमित हो।
बारिश के मौसम के दौरान उत्पन्न बिजली की मात्रा कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें बादल का घनत्व, बारिश की तीव्रता, पैनल का उन्मुखीकरण और झुकाव कोण शामिल हैं। जबकि बिजली उत्पादन कम हो सकता है, सौर पैनल अभी भी बादल छाए रहने या बारिश की अवधि के दौरान बिजली उत्पादन में योगदान कर सकते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि कुछ क्षेत्रों में धूप और वर्षा में मौसमी बदलाव का अनुभव होता है। यदि आप लंबे समय तक भारी बारिश या लगातार बादल छाए रहने वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो आपको समग्र ऊर्जा उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करने और तदनुसार अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं की योजना बनाने की आवश्यकता हो सकती है।
ऐसे मामलों में, कम धूप के समय या रात में उपयोग के लिए धूप की अवधि के दौरान उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा को संग्रहीत करने के लिए बैकअप ऊर्जा स्रोत या बैटरी जैसे ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
ये भी पढ़ें:- Solar Se Mobile Charge Kaise Karen कम खर्च में
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने जाना कि सोलर पैनल कितने तरह के होते हैं सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा होता है एवं कौन सा सोलर पैनल अपने घर पर लगवाएं। अगर देखा जाए तो सभी सोलर पैनल अच्छे ही होते हैं आप अपने बजट एवं आवश्यकताओं के अनुसार इन पैनलों का चुनाव कर सकते हैं।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट की जानकारियां आपके काम आई होगी अगर अभी भी आपके पास इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें और हमें बताएं।
mysolarurja.com में आप सभी का स्वागत है मेरा नाम सुशील कुमार है और मैं भारत में लगभग सभी सोलर बनाने वाली कंपनियों के साथ में काम किया हूं। इस ब्लॉग पर आपको सोलर से जुड़ी लगभग सभी तरह की सामग्री मिलेगी और हम सदा इसी कोशिश में रहेंगे की इस साइट पर आने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब मिले।
Mujhe 10 X 10 Ke Kapre me solar pannal lagwana hai kun sa thik rhega
कपरे में सोलर पैनल कैसे लगेगा